Sunday, October 23, 2011

ऋण मुक्ति एवं लक्ष्मी प्राप्ति के लिए श्री गणपति का विशेष मंत्र


 ऋण मुक्ति एवं लक्ष्मी प्राप्ति के लिए श्री गणपति का विशेष मंत्र
विधि- श्री गणपति जी का विशेष रूप से दिवाली और अंगारकी चतुर्थी के दिन नित्य कर्म से निवृत हो कर धुप दीप से पूजन कर के इस मन्त्र का १० हजार की संख्या में रुद्राक्ष की माला या मूंगे की माला से जप कर के हवन  करें और इस मंत्र की १०८ आहुतियाँ दें प्रदक्षिणा ,आरती, दक्षिणा, मंत्र पुष्पाजंलि प्रणाम आदि कर के २१ लड्डुओं का भोग लगावें इस के पश्चात १०८ बार इस मंत्र को दोबारा जप करें , ध्यान रहे श्री गणपति को सिंदूर व् दूर्वा जरुर चढाये और पूजन करें स्वयं भी लड्डुओं का प्रशाद ग्रहण करें
हवन सामग्री – हवन में केवल पलाश की समिधा का ही प्रयोग करें, गूगल ,१०१ रक्त करबीर पुष्प एवं १०१ लड्डू का चूरमा, ये तीनों वस्तुए एकत्रित कर इस मंत्र से १०८ आहुति दे, जप पूजन के समय दीप जलता रहना चाहिए, पूर्णाहुति सुपारी से देना शुभ होगा, इस विधि से तीन पुरश्चरण करने पर व्यक्ति कितना भी ऋण ग्रस्त क्यूँ ना हो ऋण से मुक्ति प्राप्त कर लेता है तृतीय पुरश्चरण के बाद धन का आगमन उसी तरह से निश्चित है जिस तरह से सूर्य का प्रातकाल उदय होना, इसके पश्चात श्री गणेश सहस्रनाम का पाठ करना विशेष लाभप्रद होता है
मंत्र - ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं चिरचिर गणपतिवर वर देयं मम वाँछितार्थ कुरु कुरु स्वाहा     

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