मेष –Aries (चु चे चो ला ली लू ले लो अ ) इस मास के शुरू में इस राशि का स्वामी मंगल नीच का हो कर चतुर्थ भाव में है जिसके कारण सुख में कमी, बनते कामों में रुकावटे, जो व्यक्ति नोकरी की तलाश कर रहें है उन्हें इस मास निराशा हाथ लगेगी,मित्रों से धोखा मिल सकता है इसलिए मेष राशि के जातको को सावधानी बरतनी चाहिए, खर्च की अधिकता रहेगी मन परेशान रहेगा और अशांत भी रहेगा शारीरिक कष्ट और चोट आदि से बचे, वाहन को चलाते समय सावधानी बरतें चोट लगने की सम्भावना है आपको गणपति की पूजा या हनुमान जी पूजा करनी चाहिए
वृष – Taurus ( इ उ ए ओ व् वि वृ वे वो )वृष राशि पर केतु चल रहा है जिस के कारण शरीर में थकावट और बीमारी की सम्भावना रहेगी इस मास के शुरू में खर्चों की अधिकता व्यर्थ की भागदौड़ बनी रहेगी भाइयों के लिए यह मास ठीक नहीं है परन्तु शुक्र ५अक्टूबर को अपनी स्वराशि में आने के कारण आमदनी के स्रोत्र खुलेंगे वृष राशि के जातकों के लिए कनक धारा का पाठ करना शुभ रहेगामिथुन – Gemini ( क कि कु घ ड छ के को ह )मिथुन राशि के जातकों लिए इस मास बुध अपनी ही राशि कन्या में स्थित होने के कारण आय के साधन बढ़ेंगे परन्तु भी बढा रहेगा इसलिए धन का खर्च सोच समझ कर करें अन्यथा कठिनाई होगी हनुमान जी के आराधना करें या मंगल स्तोत्र का पाठ करें
कर्क – Cancer ( हि हू हे हो डा डी ड दे डो )इस मास के शुरू में आपको मानसिक तनाव झेलना पडेगा पारिवारिक उलझने बढेंगी अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें इस मास के अंत में आपको सफलताएं मिलेंगी
सिंह – Leo ( म मि मु में मो टा टी टू टे )सिंह राशि के जातकों के उपर शनि की साढ़ेसाती चल रही है धन का आगमन कम होगा चतुर्थ भाव में राहु के कारण तथा शनि की दृष्टि होने कारण सुख में बाधा व्यापार में बाधा परन्तु निर्वाह योग्य आय होगी भगवान सूर्य नारायण की उपसना करें या गायत्री मंत्र का जप करें
कन्या – Virgo ( टो पा पी पू ष ण ठ पे पो ) कन्या राशि का स्वामी ५ अक्टूबर को अपनी राशि तुला में गोचर करेगा इसलिए धन लाभ के योग निर्मित होंगे शुभ hकार्यों में में खर्च होगा कुल मिला कर आपके लिए यह मास शुभ रहेगा
तुला – Libra ( रा री रु रे रो ता ति तु ते ) इस राशि के जातको के लिए यह मास ठीक –ठीक रहेगा 4 अक्टूबर के बाद शुक्र अपनी राशि तुला में आ जाएगा और धन के स्रोत्र बनेगें परन्तु स्वास्थ्य के प्रति ध्यान दे ,प्रिय बन्धुओं से मिलन हो सकता है
वृश्चिक – Scorpio ( तो न नी नु ने नो या यी यु) वृश्चिक के जातकों के लिए यह मास व्यवसाय की दृष्टि से मध्यम रहेगा और कई कार्यों में आशानुकूल परिणाम प्राप्त नहीं होंगे इस राशि पर राहू का गोचर और केतु कई पूर्ण दृष्टि है इसलिए मानसिक अशांति,स्वास्थ्य सम्बन्धी और धन सम्बन्धी परेशानियां बनी रहेंगी और शिरोवेदना होगी इस मास के अंत में मंगल की दृष्टि होने से धन का आगमन होगा मंगल स्तोत्र या भोम गायत्री का पाठ करना शुभ रहेगा
धनु – Sagittarius ( ये यो भा भी भू ध फ ढ भे ) इस मास के शुरू में आपके बिगड़े हुए कार्यों में कुछ सुधार होगा विद्यार्थियों के लिए यह मास थोडा परेशानी भरा होगा शुक्र का लाभ भाव में गोचर होने से अकस्मात धन प्राप्त होने की सम्भावना है आपको वाहन चलाते समय सावधान रहने की आवश्यकता है दुर्घटना हो सकती है और सिर में चोट लग सकती है खर्चे बढ़ेंगे.
मकर–Capricon ( भो ज जी खी खू खे खो ग गी) मकर राशि के जातकों के लिए यह मास ठीक-ठाक रहेगा मेहनत करने के पश्चात ही धन की प्राप्ति होगी आपकी राशि में दशम भाव में नीच का राहू गोचर कर रहा इसलिए धन प्राप्त करने में मेहनत करनी होगी शुक्र का स्वराशि में प्रवेश कुछ हद तक आपको कारोबार के क्षेत्र में सफलता देगा और उत्साह में वृद्धि करेगा १५ से शनि अपनी उच्च राशि में आने से कारोबार में लाभ और उन्नति के अवसर ज्यादा बनेगें
कुम्भ – Aquarius ( गु गे गो स सी सु से सो द) कुम्भ राशि के जातको की राशि का स्वामी इस मास के पूर्वाद्ध तक अष्टम भाव में होने तथा कुम्भ राशि ११ वे भाव होने से तथा इन दोनों का स्वामी अष्टम में होने से तथा शनि की दिवितीय भाव पर दृष्टि होने से खर्चों की अधिकता बनेगी और आय के साधन कम होंगे राहू के दशम स्थान में होने से और चतुर्थ भाव पर दृष्टि डालने से तथा केतु का चतुर्थ भाव में गोचर होने से पारिवारिक मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं भाइयों से व्यर्थ का विवाद हो सकता है “ श्री दुर्गा सप्तशती “ का पाठ करें
मीन – Pisces ( दि दु थ झ दे दो चा चि ) इस राशि के जातकों की राशि का स्वामी दिवितीय भाव में गोचर करने से आय के साधन बनेगें विद्ध्यार्थियों को पढाई की और विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है पत्नी से झगड़ा हो सकता है परन्तु १५ के बाद शनि की दृष्टि हटने से बिगड़े कार्य बनेगें और आय के स्रोत्र अधिक निर्मित होंगें
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