Friday, July 13, 2012

गायत्री मन्त्र ( महामंत्र ) और 14 शक्तियाँ / Gayatri Mantara ( Mahamantra ) and its 14 Powers


समस्त विद्याओं की भण्डागार-गायत्री महाशक्ति 
ॐ र्भूभुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् 
गायत्री संसार के समस्त ज्ञान-विज्ञान की आदि जननी है । वेदों को समस्त प्रकार की विद्याओं का भण्डार माना जाता है, वे वेद गायत्री की व्याख्या मात्र हैं । गायत्री को ‘वेदमाता’ कहा गया है । चारों वेद गायत्री के पुत्र हैं । ब्रह्माजी ने अपने एक-एक मुख से गायत्री के एक-एक चरण की व्याख्या करके चार वेदों को प्रकट किया । 
ॐ भूर्भवः स्वः से-ऋग्वेद, 
तत्सवितुर्वरेण्यं से-यर्जुवेद, 
भर्गोदेवस्य धीमहि से-सामवेद और 
धियो योनः प्रचोदयात् से अथर्ववेद की रचना हुई । 
Please Log On to www.astroswami.in for more information

No comments:

Post a Comment