हमारा जीवन चक्र ग्रहों की गति और चाल पर निर्भर करता है. ज्योतिष शास्त्र इन्हीं ग्रहों के माध्य से जीवन की स्थितियों का आंकलन करता है और भविष्य फल बताता है. ज्योतिष गणना में योग का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है. कुछ योग शुभ स्थिति बताते हैं तो कुछ अशुभता का संकेत देता है.
ग्रहण योग भी अशुभ योग की श्रेणी में आता है. (Grahan yoga is an inauspicious yoga) ग्रहण योग को अशुभ योगों में बहुत ही खतरनाक और कष्टदायक माना गया है. ज्योतिषशास्त्रियों की दृष्टि में यह योग काल सर्प योग से भी खतरनाक और अशुभ फलदायी है (Grahan yog is considered even more harmful than the kalsarp yoga). कालसर्प योग में जीवन में उतार चढ़ाव दोनों आते हैं परंतु यह ऐसा योग है जिसमें सब कुछ बुरा ही होता है. इस योग से प्रभावित व्यक्ति जीवन में हमेशा निराश और हताश रहता है.
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