Sunday, July 15, 2012

२४ अक्षरों से सम्बन्धित २४ अनुभूतियाँ / The feelings of Gayatri Mantra

देव शक्तियों के जागरण एवं अवतरण की अनुभूति प्रायः दो रूपों में होती है । प्रथम-रंग, दूसरा-गंध । ध्यानावस्था में भीतर एवं बाहर किसी रंग विशेष की झाँकी बार-बार हो अथवा किसी पुष्प विशेष की गंध भीतर से बाहर को उभरती प्रतीत हो, तो समझना चाहिये कि गायत्री के अक्षरों में सन्निहित अमुक शक्ति का उभार विशेष रूप से हो रहा है । इस अनुभूति के लिए २४ पुष्पों का उदाहरण दिया गया है । उनके रंग या गंध की अन्तः अनुभूति के आधार पर देव शक्तियों का अनुमान लगाया जा सकता है । ऐसा भी कहा जाता है कि अमुक शब्द शक्तियों की साधना में इन फूलों का उपयोग विशेष सहायक सिद्ध होता है ।
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